चार दिन की

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चार दिन की.....! चार दिन की चांदनी है,  फिर अंधियारी रात। जो कुछ करना,कर डालो, फिर न बनेगी बात।। मौसम  है , मौका  भी है , जमा है ,भले  लोग, समय-शिला ...

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