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कालवाची वृक्ष पर मोरनी के रूप में यूँ ही अचेत सी लेटी थी,तभी एक कठफोड़वा उसके समीप आया एवं उसके बगल में बैठ गया,पक्षियों की भाषा में उसने कालवाची से कुछ ...