ये मन भटक रहा तेरे संसार में आ कर

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नमन मंच मानसरोवर काव्य मंच प्रभात वन्दना,  25/1/23               ये मन भटक रहा तेरे संसार में आ कर  है दीनानाथ नाथो के नाथ हुआ क्या कैसे ...

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