लेखनी प्रतियोगिता -25-Jan-2023दैनिक काव्य प्रतियोगिता

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वो वक्त और था कभी चाहा था तुमको हमने भी टूटकर अनजानी राह चुन ली तुमको जानकर आज खुद को समेटा है मनके की तरह तुम्हारे इरादे जान सम्हाला है बिखरकर ...

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