1 भाग
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दोहा पर्वत से सरिता चली, मन में लिए उमंग। जैसे विरहिन चाहती, कोई पिया का संग।। सागर के जल से मिली, सरिता की जल धार। सरिता सरिता ना रही, हुई सिंधु ...