251 भाग
272 बार पढा गया
7 पसंद किया गया
मदिरा सवैया होय सपूत अगर घर में,सुख-शांति वहाँ नित आवत है। गावत ढोल-मजीर लिये, प्रभु चेतन रूप दिखावत है। मात-पिता खुश हों अनुदिन, प्रिय पूत सुमङ्गल गावत है। बीतत रैन-दिवा सुख ...