251 भाग
243 बार पढा गया
7 पसंद किया गया
आल्हा शैली (मानववाद) मात्रा भार 16/15 बन समाज का प्रिय सहभागी, रख मन में सहयोगी भाव। बनो एकता का अनुरागी, दृश्यमान हो मधुर स्वभाव। सींच सभी को प्रेम नीर से, रहे ...