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कविता--मैं नारंगी..! मैं नारंगी ,प्रफुल्लित मेरा तन उर्जाओं से भरपूर मेरा मन नारंगी होता जब आकाश व्योम पर जागता प्रकाश उदयाचल सा नांरगी मेरा मन उल्लासित हो रहा कण कण मन ...