251 भाग
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चौपई करो सदा मानव से प्रीति। दर्द भगाओ यही सुनीति। करते रह मानव कल्याण। भरो देह में सबके प्राण।। नहीं नीच से कर संवाद। राह छोड़ मत करो विवाद।। कभी न ...