अभिनव प्रयोग

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अभिनव प्रयोग अभिनव होय प्रयोग सुहावन,जंगल में अब मंगल होगा। नयी-नयी रचनाएँ होंगी, नव छंदों का होगा योगा। जोड़-तोड़ की कविता होगी, नव निर्माण करेंगे लोगा। मधुरिम भाव विशाल हृदय की,कविता ...

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