जिह्वा रानी (दोहे)

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जिह्वा रानी  (दोहे) आग लगे उस जीभ पर , जो दे चोर बनाय। अपने तो मस्ती करे, चोर लात बहु खाय।। जिह्वा पर संयम नहीं, मन स्वच्छंद अधीर। बहता जाता देह ...

अध्याय

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