पवित्रता (वर्णिक चौपाई)

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पवित्रता   (वर्णिक चौपाई)     मापनी 112 112 112 112 रहता मन में जब पाप नहीं। बसता हरिधाम सुजाप वहीं।। सुखदायक स्थान वहीं बस है। मन पावन ग्राम जहाँ अस है।। चलता ...

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