प्रेम

251 भाग

279 बार पढा गया

7 पसंद किया गया

प्रेम  (दोहे) श्रद्धा अरु विश्वास से ,बना हुआ है प्रेम। यह जीवन का मूल्य हो, इससे श्रेष्ठ न हेम।। जिसको छू दे प्रेम वह, बन जाये प्रिय धाम। प्रेम रहित हर ...

अध्याय

×