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प्रेम (दोहे) श्रद्धा अरु विश्वास से ,बना हुआ है प्रेम। यह जीवन का मूल्य हो, इससे श्रेष्ठ न हेम।। जिसको छू दे प्रेम वह, बन जाये प्रिय धाम। प्रेम रहित हर ...