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मदिरा सवैया जागत पावत सोवत सोचत जाग निरन्तर काम करो। स्वर्णमुखी सुमुखी बनना हित कर्म करो शुभ धाम धरो। चिंतन पावन नित्य करो अनुकूल सदा जग में पसरो। भूमि धरा मनमोहक ...