मदिरा सवैया

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मदिरा सवैया प्यार किया पर बात नहीं बतला मन मीत कहूँ किससे।  बेघर प्यार किया अब तो निकला यह पागल है घर से। खूब बना यह राह बिसार फँसा भ्रम जाल ...

अध्याय

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