शिव रात्रि

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शिव मेरा भोला है भंडारी सृष्टि रचिता आदि अंत वही अनंत सत्य भी वही सुंदर भी वही करने सृष्टि की रक्षा हेतु रूप धरा निराला, गले मुंडमाल दैत्यों का कर  नाश ...

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