कबीर दास जी के दोहे

255 भाग

39 बार पढा गया

1 पसंद किया गया

बलिहारी गुरु आपनो, घड़ी-घड़ी सौ-सौ बार मानुष से देवत किया, करत न लागी बार।।  ...

अध्याय

×