सब होता निश्चित

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नमन मंच मेरी लेखनी व्यर्थ है,               सब होता निश्चित हम इंसान धरा पर आये उस परमपिता की देन,  जब हुआ जन्म तब ही हमारा जाना ...

अध्याय

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