थोड़ी पास आओ मन को सहलाएं

80 भाग

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राजीव कुमार झा  थोड़ी पास आओ मन को सहलाएं गुनगुन गीत सुनाएं सितार की झंकार उंगलियों के हल्के स्पर्श से सुनाएं उस वेदना को  छिपाएं जिसे बताया बेशर्म रातों में तुमने ...

अध्याय

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