साया

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साया (कुण्डलिया) साया सबको चाहिये, साया का है अर्थ। जो पाता साया नहीं, उसका जीवन व्यर्थ।। उसका जीवन व्यर्थ, बिना आश्रय के जीता। किंकर्तव्यविमूढ़, गमों की मदिरा पीता।। कहें मिसिर कविराय, ...

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