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प्रतियोगिता हेतु गणेश वंदना प्रथम पूजता हूँ , मैं गौरी के नंदन। झुका शीश तुमको, करूं नित्य वँदन।। ओ रिद्धी के स्वामी ओ सिद्धी के दाता। नमन पद कमल का करूं ...