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नमन मंच मेरी लेखनी 8/1/23 जो मैं होती तेरी बाँसुरिया 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 गर जो मैं होती बाँसुरिया ओ मोरे बालमा, फिर क्या थे कहने, मैं अब बनती तेरी कलयुगी ...