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मेरी पावन शिवकाशी मन में सुंदर भाव यही हो, बनना है काशीवासी; शिवशंकर भोलेबाबा को, जपने का बन अभ्यासी; गली-गली में विश्वनाथ का, डमरू खूब बजाना है; धूम मचाओ भंग जमाओ, ...