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उल्लाला छंद स्वाभिमान पहचान लो, यही सुखद अहसास है। अपने में जीते रहो,अंतस ही आवास है।। मन कारक को जान लो, मन संयम में ही लगे। रहे शुभद मन भावना, सुंदर ...