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मेरी मौहब्बत का हिसाब ना पूछ ए जालिम, बेहिसाब मौहब्बत की कोई कीमत नहीं होती, रोया था मजनू भी लैला की मौहब्बत में, मरता ना राझाँ जो उसे हीर से मौहब्बत ...