35 भाग
298 बार पढा गया
7 पसंद किया गया
*शीर्षक:सुशांत देश (पंचचामर छंद)* रचा करो सुशांत प्रांत भ्रांत तर्क छोड़ दो। सुतर्क बुद्धि साधना विवेक स्वर्ग जोड़ दो। मरोड़ ग्लानि तोड़ द्वेष दर्प भेद त्याग दो। अनेक में अनन्त हेतु ...