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हरिहरपुरी की कुण्डलिया लेखक बन लेखन करो, रचो स्वस्थ संसार। खोट ढूढ़ अमृत भरो, धरो सत्य आधार।। धरो सत्य आधार, शिलान्यास हो सुंदर। शिल्प विधान महान, दिखे अति मोहक मनहर।। कहें ...