तृप्ति--भाग(४)

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थप्पड़ खाते ही कमलनयनी रोते हुए गौरीशंकर के चरणों पर गिर पड़ी और रोते हुए बोली____ "ये वासना नहीं है पुरोहित जी मेरा प्रेम गंगाजल की भाँति पवित्र है,बस एक बार....एक ...

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