तृप्ति--भाग(१)

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एक वैभवशाली राज्य में, "अरे,श्याम! आज तुम ठीक से मृदंग क्यों नहीं बजा रहे,एक भी थाप ठीक से नहीं लग रही,"कमलनयनी बोली। "आज मेरा मन थोड़ा विचलित सा है राज नर्तकी ...

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