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मेरी पावन शिव काशी वरुणा नदिया उत्तर दिशि में, अस्सी नद दक्षिण वासी; दास-दासियाँ शिव चरणों की, जन्म-जन्म की हैं प्यासीं; मस्ताना अंदाज निराला ,औघड़ नित मिल जाते हैं ; वरुणा-अस्सी ...