हरिहरपुर के मिसिर की कुण्डलिया

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हरिहरपुर के मिसिर की कुण्डलिया प्यारा तेरा नाम है, अनुपम तेरा भाव। दिव्य मनोहर रूप है, शीतल तेरी छाँव।। शीतल तेरी छाँव, बहत पुरुवाई जमकर। अंग-अंग में जोश, रहत फड़कत मन ...

अध्याय

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