हरिहरपुरी का दुर्मिल सवैया

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हरिहरपुरी का दुर्मिल सवैया शुभ भाव जहाँ रहता दिखता,इक गाँव सुहावन गंग तटे । मन में तब प्रेम नदी बहती, लहरें उठतीं मझधार सटे। मलयागिरि चंदन की खुशबू , महके गमके ...

अध्याय

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