दुर्मिल सवैया

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दुर्मिल सवैया जब प्रेम पले मत छेड़ उसे, बढ़ते उस का नित ध्यान करो। हर रोज मिलो सब ख्याल रखो,मुरझाय नहीं यह बात धरो । अति स्नेह करो बहु प्यार करो,उसको ...

अध्याय

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