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हरिहरपुरी का दुर्मिल सवैया लिखना कहना रघुनाथ कथा, यह पावन गंग सुधा जल है। इस में रस धार अमी सरिसा, शिव प्यार अपार सदा चल है। अचलाचल सिंधु महान महा, मधु ...