मिसिर कविराय की कुण्डलिया

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मिसिर कविराय की कुण्डलिया जीतो सारे विश्व को,एक जगह पर बैठ। मन  में स्नेहिल भाव रख ,  उर में सब के पैठ।। सब के उर में पैठ, करो सब का नित ...

अध्याय

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