तुम्हारा होंठ लिखूंगा और उसको जाम लिखूंगा।

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तुम्हारा होंठ लिखूंगा और उसको जाम लिखूंगा। मैं अपनी हर ग़ज़ल में बस तुम्हारा नाम लिखूंगा। तुम्हारा हुस्न लिखूंगा मैं सुबह ए बनारस में। तुम्हारा इश्क लिखूंगा अवध की शाम लिखूंगा। ...

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