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हरिहरपुरी के सोरठे ज्ञान गंग में स्नान, नित्य जो करता रहता। बन जाता विद्वान, एक दिन निश्चित मानो।। कभी न कुटिल कुरंग, जगत में पूजा जाता। करता सदा कुसंग,नारकीय दानव पतित।। ...