हरिहरपुरी की कुण्डलिया

281 भाग

229 बार पढा गया

6 पसंद किया गया

हरिहरपुरी की कुण्डलिया पावन अंदर से बना, जो भी वही महान। निर्मल मन रचता सतत, हितकर सुखद विधान।। हितकर सुखद विधान, सर्व जन मंगलकारी। रखता सब का ध्यान, भाव रखता उपकारी।। ...

अध्याय

×