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दुःख (सोरठा) दुःख है बहुत अपार, नहीं है मन यह मानत। बदलत नहीं विचार,बार-बार दुःख देखकर।। दुःखमय जीवन सून, उदासी मन में छायी। जीवन में सुख न्यून, क्षण भर का है ...