उत्साह

281 भाग

321 बार पढा गया

5 पसंद किया गया

उत्साह  (रोला छंद) मन में भर लो जोश, कभी मत चिंतित होना। जो हो दिल में लक्ष्य, उसी को नियमित ढोना।। हो कर्मों से प्यार, कर्म से रखना नाता। केवल निष्ठावान, ...

अध्याय

×