मिसिर हरिहरपुरी की कुण्डलिया

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मिसिर कविराय की कुण्डलिया चलना हो तो चल सतत, पहुँच राम के द्वार। सिर्फ राम के जाप में, सहज राम दरबार।। सहज राम दरबार, बनाता मन को मानव। गढ़-गढ़ काढ़त खोट, ...

अध्याय

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