सत्कर्म

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सत्कर्म   (दोहे) सपने में सत्कर्म में, सदा रहो लवलीन। सदा जागरण काल हो, संरक्षित हो दीन।। करता मानव का भला,जो वह प्रिय इंसान। गन्दा मानव हो नहीं, सकता कभी सुजान।। ...

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