हरिहरपुरी की कुण्डलिया

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हरिहरपुरी की कुण्डलिया जागा जो अद्वैत बन, कण-कण में भगवान। पाया उसने सब जगह, एक ईश का ज्ञान। एक ईश का ज्ञान, दृष्टि को निर्मल करता। सब के प्रति प्रभु भाव, ...

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