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हरिहरपुरी की कुण्डलिया सत्या देवी की करो, पूजन-अर्चन दिव्य। पापनाशिनी माँ सदा ,रहें हृदय में नित्य।। रहें हृदय में नित्य , धाम हो उर का आँगन। मलयागिरि की वायु,शीत प्रिय मंद ...