270 भाग
409 बार पढा गया
6 पसंद किया गया
मिसिर बाबा की कुण्डलिया सोचा जो पाया नहीं,पाया अपना भाग। लिखे भाग में अंततः, रख सच में अनुराग।। रख सच में अनुराग, लिखा है जो किस्मत में। क्रिया-कर्म-सम्मान, छिपे हैं निज ...