कबीर दास जी के दोहे

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कबीरा खड़ा बाजार में, मांगे सबकी खैर ना काहू से दोस्ती,न काहू से बैर।।  अर्थ : इस संसार में आकर कबीर अपने जीवन में बस यही चाहते हैं कि सबका भला ...

अध्याय

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