कबीर दास जी के दोहे

404 भाग

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धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।। अर्थ: मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है। अगर कोई माली किसी पेड़ को ...

अध्याय

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