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मिश्रा कविराय की कुण्डलिया राहत दुःखियों को सदा, देते रहना मीत। बन जाना संसार में, अति मनमोहक गीत।। अति मनमोहक गीत, सुनाना सारे जग को। अतिशय शीतल नीर, बने धोना हर ...