धर्म और दर्शन

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धर्म और दर्शन  (दोहे) धारणीय  वह वस्तु है, जिससे हो कल्याण। इस सुंदर उपहार से, बचता सब का प्राण।। सारे प्राणी जगत का, जो करता उपकार। वह रचता रहता सदा, पावन ...

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