धार्मिक दोहा

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धार्मिक दोहा मधुर भाव में हो सदा, मानव से संवाद। कुण्ठा-नद को पार कर, रहो सदा आजाद।। सबके हित के भाव में, रहना सीखो नित्य। करना केवल काम वह, जो जग ...

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